1. इस ट्रस्ट का उद्देश्य धर्मोत्थान, उपासना, ज्ञान विज्ञान से जन जागरण को परिचित कराना, नैतिक सदाचार, सद्भावना, सद्विचारों को प्रचार प्रसार करना। समाज में बालक, बालिकाओं, वृद्ध अनपढ़ों का शैक्षिक, नैतिक, चारित्रिक, बौद्धिक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास करना।
  2. समाज में बाढ़ सूखा, अग्निकाण्ड एवं भयंकर बीमारियों जैसे दैवीय आपदा से पीड़ितों की यथासंभव सहायता करना, बच्चों एवं जन-जन को अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, उर्दू एवं अन्य भाषाओं के माध्यम से शिक्षा देने की व्यवस्था करना।
  3. शिक्षा जगत के बहुआयामी नये-नये प्रोग्राम जैसे सरकार द्वारा बनाया जाए, का क्रियान्वयन कराना।
  4. ज्ञानवर्द्धक हितार्थ पुस्तकालय, वाचनालय एवं छात्रावास की निःशुल्क व्यवस्था करना, गरीब एवं असहाय बच्चों को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्यूटीशियन, फैशल डिजाइनिंग, शिल्प कला, काष्ठ कला, कालीन, टंकण, आशुलिपिक, कम्प्यूटर, बालबाड़ी, आंगनबाड़ी एवं ग्रामोद्योगिक प्रशिक्षण की निःशुल्क व्यवस्था करना, अनौपचारिक शिक्षा, एण्टी क्राइम, एण्टीकरप्शन का गठन कर समाज में सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना।
  5. केन्द्रीय विद्यालय, सी0बी0एस0ई0, आई0सी0एस0ई0, एन0सी0आर0टी0 एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यता लेना एवं विद्यालयों की स्थापना एवं संचालन करना। गांव-गांव में संस्था की शाखाओं का निर्माण करना एवं प्रधान कार्यालय से जोड़ना, सभी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पत्र-पत्रिका प्रकाशन के लिए प्रिंटिंग प्रेस एवं कम्प्यूटरीकृत करना, बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा, व्यायाम, खेलों का आयोजन करना।
  6. राष्ट्र के लिए सुयोग्य नागरिक बनाना तथा उनके अन्दर आत्म विश्वास, सदाचार, स्वावलम्बन की भावना जागृत करना, राष्ट्र एवं आत्म सुरक्षा की भावना पैदा करना, समाज में व्याप्त कुरीतियों भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास, दहेज उत्पीड़न, बाल विवाह, भ्रूण हत्या आदि दोषों से अवगत कराना, सुधार कराना, राजनैतिक पाखण्ड एवं स्वार्थी तत्वों का समावेश न होने देना।
  7. संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु केन्द्र सरकार/राज्य सरकार तथा वित्तीय संस्थाओं, एजेन्सियों, शिक्षा विभाग, खादी ग्रामोद्योग, राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं उनके कार्यक्रमों का संचालन करना तथा आर्थिक सहायता के रूप में ऋण/अनुदान प्राप्त करना, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं कमीशन, लघु-कुटीर उद्योग विभाग की नीतियों एवं कार्यक्रम को अपनाने व इनके प्रशिक्षण केन्द्र खुलवाकर उपयोगी जानकारी देना एवं निःशुल्क संचालन करना। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के विकास के लिए निःशुल्क शिक्षा का संचालन एवं प्रचार-प्रसार करना, पर्यावरण से सम्बन्धित विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करना एवं जन-जन में जागृति पैदा करना।
  8. राष्ट्र के सभी समुदाय के लिए प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक की शिक्षण/प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना एवं संचालन करना।
  9. सम्बन्धित संस्थाओं के संचालन हेतु मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी प्रबन्धक होंगे तथा अन्य ट्रस्टीगण उस संस्था के सदस्य होंगे अथवा अलग से सदस्य नियुक्त किये जा सकते हैं।
  10. इन संस्थाओं का हिसाब एवं सम्पत्ति अलग होगी परन्तु ट्रस्ट से सम्बन्धित रहेंगें।
  11. ट्रस्ट अपने उद्देश्यों की पूर्ति विभिन्न समितियों एवं उपसमितियों का निर्माण भी कर सकेगा, जिसमें ट्रस्टी/ट्रस्टियों के अतिरिक्त अन्य सक्रिय परिजनों एवं कर्मठ नागरिकों का भी समावेश किया जा सकेगा। इन समितियों/उपसमितियों हेतु नियम/उपनियम ट्रस्ट मण्डल के द्वारा बनाये जा सकेंगें, जो पूर्णतया बन्धन कारण होंगे। समितियों एवं उपसमितियों को भंग करने अथवा पुर्नगठित करने का अधिकार ट्रस्ट मण्डल को होगा। ट्रस्ट में समितियों, उपसमितियों के निर्माण में कर्मठ, उत्साही एवं तेजस्वी कार्यकर्ताओं को समुचित स्थान दिया जायेगा। प्रभारी एवं पदाधिकारी कर्मठ, ईमानदार, तेजस्वी होने चाहिए, ट्रस्टी भी सदस्य के रूप में रह सकते हैं। नियुक्त कार्यकर्ताओं को ट्रस्ट मण्डल कार्यमुक्त कर सकता है।
  12. ट्रस्ट अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु गृह उद्योग, कुटीर उद्योग की स्थापना कर सकेगा एवं इसके अन्तर्गत आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण देने का कार्य भी किया जा सकेगा। ट्रस्ट अपने उद्योगों से सम्बन्धित उत्पाद एवं निर्मित वस्तुओं का विवरण एवं वितरण विधिसम्मत तरीके से कर सकेगा तथा इस सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार भी कर सकेगा।
  13. ट्रस्ट सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सकता है, वार्षिक उत्सव एवं त्यौहारों को समुचित ढंग से मनाने का प्रबन्ध करेगा।
  14. ट्रस्ट अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु शासन से अनुदान एवं ऋण अथवा चल-अचल सम्पत्ति शासन का सहयोग निःशर्त होने की दशा में प्राप्त कर सकेगा। भूमि इत्यादि अचल सम्पत्ति पर निर्धारित शुल्क का भुगतान संस्था द्वारा किया जायेगा।
  15. समाज कल्याण विभाग, उ0प्र0 केन्द्रीय एवं राज्य सरकार सलाहकार बोर्ड कपार्ट, एवार्ड, सिडवी मानव विकास संसाधन मंत्रालय, यूनीसेफ, डवाकारा, सिफ्सा, नाबार्ड, सिडबी बैंक आॅफ इण्डिया, हेल्पेज इण्डिया, राजीव फाउण्डेशन, राष्ट्रीय महिला कोष, विश्व बैंक, सूडा, डूडा, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अल्पसंख्यक उ0प्र0 एवं केन्द्रीय महिला कल्याण निगम, पिछड़ा निगम कल्याण निदेशालय उ0प्र0 विकलांग निदेशालय द्वारा संचालित महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों तथा ग्रामीण एवं नगरीय विकास परियोजनाओं, विकलांग कल्याण विभाग द्वारा सहायता प्राप्त कर ग्रामीणों के कल्याणार्थ कार्य करना एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार एवं संचालन करना।
  16. यदि कोई ट्रस्टी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाये, मृत्यु हो जाये, ट्रस्ट मण्डल द्वारा हटा दिया जाये या निकाल दिया जाये स्वयं त्यागपत्र दे दे या ट्रस्ट को क्षति पहुंचाये या अपराधिक प्रवृत्ति का हो तो उसके स्थान पर ट्रस्ट मण्उल नये ईमानदार, कर्मठ, ट्रस्ट के प्रति समर्पित व्यक्तियों को बहुमत से चयनित करेगा।
  17. मुख्य ट्रस्टी का चुनाव मुख्य ट्रस्टी द्वारा नामित व्यक्ति होगा। यदि परिस्थितिवश नामित न होने पर सदस्यों के चुनाव प्रक्रिया द्वारा मुख्य ट्रस्टी का चुनाव होगा।
  18. आवश्यकतानुसार समय पड़ने पर नियम परिवर्तन या संशोधन किया जा सकता है।
  19. ट्रस्ट द्वारा अनाथालय, चिकित्सालय, विधवा आश्रम आदि की निःशुल्क व्यवस्था की जायेगी।
  20. समाज में शिक्षा हेतु प्ले ग्रुप, प्राइमरी से लेकर स्नातक एवं परास्नातक तक विद्यालय एवं महाविद्यालय खोलना उसका संचालन करना तथा समिति या ट्रस्ट एवं उनके नाम से जमीन क्रय करना व लीज/पट्टा लेना व देना एवं सरकार के निर्देशानुसार विद्यालय में छात्र/छात्रों को शिक्षित कराना।
  21. ट्रस्ट द्वारा प्रावैधिक एवं टेक्नीकल तथा मेडिकल संस्थाओं को खोलना एवं मदरसे का संचालन करना तथा समाज में उसकी उपयोगिता के लिए कार्य करना।
  22. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े छात्र/छात्राओं के लिए प्रतियोगिता परीक्षा कम्प्यूटर शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निःशुल्क शिक्षा, कोचिंग प्रदान करना उन्हें विभिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित कराने हेतु उचित ज्ञान एवं मार्गदर्शन देना।
  23. प्रधानमंत्री रोजगार योजना, नेहरू रोजगार योजना तथा इससे सम्बन्धित योजना के अन्तर्गत आने वाले सभी सामाजिक कार्यों का संचालन करना।
  24. विश्व बैंक, केन्द्र, राज्य सरकारों एवं अन्य संस्थाओं द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न निर्माण कार्य, जल सप्लाई कार्य, बागवानी, स्वच्छता व्यवस्था इत्यादि कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं संचालन करना।